छत्तीसगढ़

सीआरपी को स्थायी करने की मांग, सीटू ने सरकार को सौंपा ज्ञापन

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद संविदा कर्मचारी यूनियन की राज्य स्तरीय सभा संपन्न

जयपुर। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (Rajeevika) के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों की स्थायीकरण की मांग को लेकर सीटू द्वारा एक राज्य स्तरीय सभा का आयोजन जयपुर के मजदूर किसान भवन, हटवाड़ा रोड पर किया गया। सभा की अध्यक्षता यूनियन की राज्य अध्यक्ष जमुना, संतोष, गुड्डी, कैलाश कंवर, सुंदर कंवर, संतोष (बूंदी), ताली खराड़ी और संतोष मीणा सहित अन्य सदस्यों ने की।

महिलाओं का रोजगार छीनना अन्यायपूर्ण – सीटू

सभा में सीआरपी (कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन) को स्थायी करने की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। वक्ताओं ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय के तहत 2011 से सीआरपी के रूप में हजारों महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया था, लेकिन मार्च 2024 के बाद इनका रोजगार समाप्त कर दिया गया। इससे हजारों महिलाएं बेरोजगार हो गईं, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।

सभा को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत और राज्य उपाध्यक्ष एवं कामकाजी महिलाओं की समन्वय समिति की संयोजक सुमित्रा चोपड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार का दोहरा रवैया सामने आया है। एक ओर महिलाओं को सशक्त बनाने के नाम पर योजनाएं चलाई जा रही हैं, तो दूसरी ओर हजारों महिलाओं से उनका रोजगार छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीटू इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी और सीआरपी बहनों के हक की लड़ाई लड़ेगी।

राज्यभर से आईं महिला प्रतिनिधियों ने दिया समर्थन

सभा में यूनियन की राज्य अध्यक्ष जमुना, उपाध्यक्ष कैलाश कंवर, संतोष (पाली), गुड्डी (कोटा), सुंदर कंवर (जोधपुर), संतोष (बूंदी), टोली खराड़ी (प्रतापगढ़), संतोष मीणा (बांसवाड़ा) और सुनीता वैष्णव (कोटा) सहित कई महिला नेत्रियों ने भाग लिया और संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

सरकार को सौंपा ज्ञापन, जवाब न मिलने पर प्रदर्शन की चेतावनी

सभा के बाद यूनियन के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आजीविका योजना निदेशक के नाम ज्ञापन सौंपते हुए सीआरपी पॉलिसी को फिर से लागू करने और सीआरपी बहनों को स्थायी करने की मांग की। यह ज्ञापन सीटू के राज्य अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत और संयोजक सुमित्रा चोपड़ा के नेतृत्व में दिया गया।

यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस मुद्दे पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो राज्य स्तर पर एक वृहद प्रदर्शन किया जाएगा और आंदोलन को और अधिक मजबूत किया जाएगा।

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