छत्तीसगढ़

“”छत्तीसगढ़ एन.एच.एम. कर्मचारी करें पुकार, हमारी मांग बजट में शामिल करे सरकार””

“”समावेशी/जनकल्याणकारी/अटल निर्माण वर्ष/सर्विस सेक्टर में फोकस/खास एवं बड़े विजन बजट में एन.एच.एम. कर्मचारीयों को पूर्व घोषित 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि, सहित 18 बिंदु मांग को शामिल कर पूरी करने की मांग””

“”एन.एच.एम. कर्मियों द्वारा कई बार आवेदन/निवेदन/ज्ञापन दिया जा चुका हैं””

रायगढ़ः- छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ अपने लंबित मांग को लेकर लगातार आवेदन-निवेदन-ज्ञापन देते आ रहे एवं लम्बे समय से नियमितीकरण सहित 18 बिंदु को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. पिछले सरकार ने 19 जुलाई 2023 अनुपूरक बजट में एन.एच.एम. कर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत की राशि की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जो आज तक अप्राप्त हैं. उक्त संविदा कर्मचारी संघ ने लगातार विभिन्न विधायक/मंत्री सहित मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन दिया था, जिसका आज तक निराकरण नहीं हुआ हैं, जिससे कर्मचारियों में फिर से अत्यंत निराशा व आक्रोश हैं, यदि इन एन.एच.एम स्वास्थ्य कर्मचारीयो की मांग समय में पूरी नहीं होती हैं तो फिर से बड़े आंदोलन करने के लिए अंदर-अंदर बड़ी योजना बना रहे हैं साथ ही विधानसभा का फिर से घेराव किया जा सकता हैं.

एन.एच.एम. कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अमित मिरि के निर्देशन में, प्रदेश मिडिया प्रभारी पूरन आनंद ने बताया की एन.एच.एम. कर्मचारी अल्प वेतन में 08 घण्टे से अधिक की ड्यूटी करते हैं, जिसमें आपातकालीन ड्यूटी , संस्थागत प्रसव, सहित राज्य के समस्त हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, मेडिकल कालेज में ड्यूटी करते हुए कम सुविधा, अल्प वेतन में अपना ड्यूटी कर आम जनता का सेवा प्रदान करते आ रहे हैं. उक्त कर्मचारी को न कोई अनुकम्पा अनुदान, ग्रेड-पे स्केल हैं, न किसी भी प्रकार की मेडिकल या बीमा की सुविधा नहीं हैं .प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार है.

प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार है, सरकार बदली चुनाव में बड़े-बड़े वादे हुए, लेकिन एन.एच.एम. कर्मचारी संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की समस्या जस की तस बनी हुई हैं. प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माने जाने वाले कर्मचारियों ने बताया की इस बजट से उन्हें बहुत भरोसा है, उनकी मांगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये, दूसरी बार बजट पेश कर रहें, प्रदेश के मुख्यमंत्री/वित्तमंत्री से आग्रह हैं कि, कर्मचारीयों की मांगो को बजट में शामिल करेंगे एवं उनको राहत दिलायेंगे.

18 सूत्रीय माँगे-
1.नियमितिकरण
2.एन.एच.एम. कर्मचारियों का पे-स्केल/ग्रेड-पे निर्धारण
3.लंबित 27 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान
4.विभिन्न पदों मे वेतन विसंगति
5.सेवा पुस्तिका निर्धारण
6.कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता
7.वेतन पुनरीक्षण
8.तबादला व्यवस्था मे अनियमितता
9.चिकित्सा परिचर्या
10.अवकाश नियम में बदलाव
11.अनुकंपा नियुक्ति
12.पदोन्नति का प्रावधान तथा भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों को नियमित पाठ्यक्रम की बाघ्यता से छूट
13.अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि
14.कार्य आधारित मूल्यांकन में रूके 05 प्रतिशत वेतन-वृद्धि का भुगतान
15.चिरायु योजना के तहत् कार्य कर रहे एम.एल.टी. के वेतन विसंगति
16.ई.पी.एफ. का लाभ
17.मुख्यालय निवास नियम में बदलाव
18.शासकीय आवास का आबंटन

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button