छत्तीसगढ़

सूरजपुर पुलिस द्वारा ऑडिटोरियम में नवीन कानूनों के लागू होने के दिवस को भव्यता के साथ मनाया।

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नवीन न्याय संहिता लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने का करेगी कार्य- कलेक्टर सूरजपुर।

दण्ड से न्याय की ओर ले जाने वाला है नवीन 3 कानून- डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर।

जिले के सभी थाना-चौकी में नवीन कानून लागू होने पर भव्यता के साथ कार्यक्रम आयोजित हुए।

सूरजपुर। आज 1 जुलाई 2024 सोमवार से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे। जिला पुलिस सूरजपुर के द्वारा नए कानून लागू होने के दिवस को जिला मुख्यालय स्थित ऑडिटोरियम में भव्यता के साथ मनाया। जिसमें जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता, छात्र, मीडिया और गणमान्य नागरिकगण मौजूद रहे। शुभारंभ अवसर पर नवीन कानूनों के लागू होने के पश्चात कानूनों में होने वाले महत्वपूर्ण बदलाव से उपस्थित जनों को परिचित कराया गया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा जिले के सभी थाना-चौकी में नए कानून लागू होने पर भव्यता के साथ कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अवसर पर कलेक्टर सूरजपुर श्री रोहित ब्यास (भा.प्र.से.) ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि नवीन न्याय संहिता के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने का कार्य करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक नागरिक किसी न किसी प्रकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में कानून से जुडा होता है।

इसलिए ये आवश्यक है कि हम सभी कानून में हुए बदलाव को अध्ययन करें व इसे समझे। उन्होंने कहा कि निश्चित ही नवीन न्याय संहिता से सभी को न्याय मिलेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा। इसके साथ ही उपस्थित जनों को 3 नवीन कानूनों के लागू होने पर बधाई दी। 

इस दौरान उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने कहा कि बड़े हर्ष का विषय है कि आज के शुभ दिवस पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं आज हम सभी इस दिवस को भव्यता के साथ मना रहे है।

इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमशः आईपीसी, सीआरपीसी व भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है। लागू हुए तीन कानून दण्ड से न्याय की ओर ले जाने वाला साबित होगा। आज से सभी नयी एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की जाएंगी। नये कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना,

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम जैसे कि ‘एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। इन कानूनों में कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास होंगे और संविधान में निहित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए इनसे प्रभावी रूप से निपटने का एक तंत्र मुहैया कराया गया है।

दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट सात दिन के भीतर देनी होगी। नये कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है, राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी तथा जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है और किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है। ‘ओवरलैप’ धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया तथा उन्हें सरलीकृत किया गया है और भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी।

शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किये गए हैं। इसके साथ ही आशा जताई की पुलिस विभाग योजनाबद्ध तरीके से नवीन कानून को अपनायेगा जिसके सकारात्मक परिणाम आमजन को दिखाई देगें।

नए तीनों कानून न्याय, पारदर्शिता और निष्पक्षता पर आधारित हैं- डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर।
डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे ने बताया कि नये कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गये बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा तथा पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। ‘जीरो एफआईआर’ से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो। इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा।

नये कानून में एक यह भी बदलाव है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा। इसके अलावा, गिरफ्तारी विवरण पुलिस थानों और जिला मुख्यालय के पुलिस कन्ट्रोल रूम में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा जिससे कि गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्र महत्वपूर्ण सूचना आसानी से पा सकेंगे।

पीड़ित को अधिक सुरक्षा देने तथा दुष्कर्म के किसी अपराध के संबंध में जांच में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए पीड़िता का बयान पुलिस द्वारा ऑडियो-वीडियो माध्यम के जरिए दर्ज किया जाएगा। जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को डीएसपी मुख्यालय महालक्ष्मी कुलदीप, भाजपा जिला महामंत्री राजेश अग्रवाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो ने किया।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ कमलेश नंदिनी साहू, जनप्रतिनिधि राजेश्वर तिवारी, शशिकांत गर्ग, संदीप अग्रवाल, अजय अग्रवाल, आनंद सोनी, संस्कार अग्रवाल, रामकृष्ण ओझा, जिले के प्रशासनिक अधिकारीगण, पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी, अधिवक्ता, छात्र, मीडिया और काफी संख्या में गणमान्य नागरिकगण मौजूद रहे।

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