छत्तीसगढ़

“रेणु जोगी ने उठाई JCCJ के कांग्रेस में विलय की मांग, सिंहदेव ने दी असहमति”

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रेणु जोगी ने जताई JCCJ के कांग्रेस में विलय की इच्छा: दीपक बैज को लिखा पत्र, सिंहदेव ने जताई आपत्ति

JCCJ का कांग्रेस में विलय संभव: रेणु जोगी का पत्र चर्चा में

छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस (जोगी) (JCCJ) का कांग्रेस में विलय होने की संभावना बढ़ गई है। पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर JCCJ के कांग्रेस में विलय की इच्छा जाहिर की है। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि JCCJ, कांग्रेस की विचारधारा वाली पार्टी है और पार्टी की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से विलय का निर्णय लिया है। पत्र पर रेणु जोगी के साथ उनके बेटे और JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी के भी हस्ताक्षर हैं।

जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी की अटकलें

दैनिक भास्कर डिजिटल ने पहले ही इस संभावना को उजागर किया था कि जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी हो सकती है। 18 दिसंबर को रेणु जोगी ने बैज को पत्र लिखकर कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिक पेशकश की। इस घटनाक्रम से छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मच गई है।

अजीत जोगी की JCCJ: एक सफर का अंत?

2016 में कांग्रेस से निष्कासन के बाद छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने JCCJ का गठन किया था। पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन किया और पांच सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि, अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी धीरे-धीरे कमजोर हो गई।

पार्टी का पतन और टूट

2020 में अजीत जोगी के निधन के बाद JCCJ का अस्तित्व कमजोर होने लगा। अमित जोगी के नेतृत्व में पार्टी का जनाधार लगातार घटता गया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अमित के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ दी। धर्मजीत सिंह ने 2023 में बीजेपी का दामन थाम लिया। इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में JCCJ की स्थिति इतनी खराब थी कि वह 90 सीटों में सभी पर उम्मीदवार तक खड़ा नहीं कर पाई।

रेणु जोगी ने कांग्रेस विचारधारा का दिया हवाला

रेणु जोगी ने पत्र में लिखा है कि JCCJ, कांग्रेस विचारधारा पर आधारित पार्टी है। पार्टी के कोर कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से JCCJ के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) में विलय का निर्णय लिया गया। उनका कहना है कि पार्टी का भविष्य कांग्रेस के साथ ही सुरक्षित है।

अंतागढ़ विवाद और JCCJ का गठन

JCCJ का गठन 2014 में हुए अंतागढ़ उपचुनाव के विवाद के बाद हुआ। कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव से हटाने के आरोपों में अजीत और अमित जोगी के नाम आए थे। इसके बाद अमित जोगी को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था, और अजीत जोगी ने अपनी पार्टी बना ली थी।

चरणदास महंत से मुलाकात और कांग्रेस समर्थन

रायपुर दक्षिण उपचुनाव से पहले रेणु और अमित जोगी ने कांग्रेस नेता चरणदास महंत से मुलाकात की थी। इस दौरान कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं भी हुईं। JCCJ ने उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन इसका खास असर नहीं पड़ा।

सिंहदेव ने जताई आपत्ति

JCCJ के कांग्रेस में विलय के प्रस्ताव पर पार्टी के भीतर मतभेद भी उभर आए हैं। उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को ऐसे प्रस्तावों पर विचार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

कांग्रेस बागियों की वापसी की कोशिशें तेज

हार के बाद कांग्रेस से बागी होकर निकले कई नेता भी पार्टी में वापसी की कोशिशें कर रहे हैं। पार्टी ने उनके आवेदन पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई है।

क्या JCCJ का कांग्रेस में विलय होगा?

जोगी परिवार और कांग्रेस के बीच नजदीकी बढ़ने के बावजूद विलय पर अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान के हाथ में है। अगर यह विलय होता है, तो छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा बदलाव हो सकता है।

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