दोहरीनीति का मामला फिर आया सामने, सीईओ जिला पंचायत सूरजपुर ने 4 कर्मीयों में 3 को किया भारमुक्त… एक को भारमुक्त करने से क्यों बच रही सीईओ जिला पंचायत…..?
क्या छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुनील शर्मा जिपं सीईओ सूरजपुर के चहेते, जिस वजह से उन्हें नहीं किया भारमुक्त…..?
सूरजपुर @कौशलेन्द्र यादव। दोहरीनीति से जुड़ी हुई एक और मामला जिले में सामने आया है जिसमें सीईओ जिला पंचायत सूरजपुर द्वारा चार कर्मीयों को भारमुक्त करने की जगह तीन कर्मीयों को करने से सवाल खुद ही खड़े हो रहे हैं,
जबकि ऐसा आलम बीते विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस शासन काल में अक्सर सामने आता रहा लेकिन सूबे में बदली सत्ता और भाजपा के शासनकाल में सुशासन और समानांतर नीति अपनाने के दावों को उनके मातहत ही ताक पर रखकर कामकाज कर रहे हैं।इसको लेकर जनचर्चा में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
जिसमें विशेष तौर पर एसआरएलएम विकास आयुक्त कार्यालय रायपुर द्वारा चार अधिकारियों का किया था स्थानांतरण पर उन्हें भारमुक्त नहीं किया गया, और अब जब हर बात करने का दबाव है तो एक व्यक्ति को रोक कर तीन व्यक्ति को भारमुक्त किया गया है, सूत्रों की मानें तो जिन्हें भारमुक्त नहीं किया गया है वह काफी पहुंच पकड़ वाले हैं या फिर जिला पंचायत सीईओ के काफी करीब है ।
यह सवाल खुद ही खड़ा हो रहा है क्योंकि जिला पंचायत सीईओ उन्हें भार मुक्त नहीं करना चाह रही? क्या सूरजपुर जिला पंचायत सीईओ भी मनमानी कर रहे हैं जब स्थानांतरण आदेश ऊपर से है तो फिर क्यों किसी एक व्यक्ति को रोक कर रखा जा रहा है…?
जिसे लेकर सवाल उठना लाजिमी है।ज्ञात हो की छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत सूरजपुर जिले में अनियमित फैलाने वाले चार अधिकारियों का तबादला फरवरी माह में किया गया था और उन्हें तत्काल भारमुक्त करना था ,जिसमें तीन को जिला पंचायत सीईओ द्वारा भारमुक्त कर दिया गया पर वही एक जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा को अभी तक भारमुक्त नहीं किया गया,
अब ऐसे में सवाल यह उठता है की क्या सुनील शर्मा जिला पंचायत सीईओ के चहेते हैं या फिर जिला पंचायत सीईओ उन्हें भारमुक्त ना करके उन्हें जिले में रखना चाहती हैं?
वहीं सूत्रों का कहना है की जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि कर्मचारियों की कमी है तो क्या कर्मचारियों की कमी है तो वह शासन के आदेश का पालन नहीं करेंगी? क्या जिला पंचायत सीईओ शासन के आदेश का पालन नहीं करना चाहती या फिर उसे आदेश का अवेहलना करना ही उनका उद्देश्य है?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यालय जिला पंचायत सूरजपुर मे पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों का शिकायत का जॉच कुछ महीने पूर्व राज्य कार्यालय से उच्च अधिकारियों के द्वारा किया गया था।
जिसमे जॉच टीम द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत कार्यरत् जिला एवं जनपदों में कार्यरत् समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों का बयान लिया गया था।
जॉच पश्चात् बाद दिनांक 20 फरवरी 2024 को 4 अधिकारियों का स्थानान्तरण राज्य कार्यालय से अन्य जिले मे किया गया, जिसमें सत्य प्रसाद मिश्रा जिला कार्यक्रम प्रबंधक – वित्तीय समावेशन को सूरजपुर जिला से बलरामपुर किया है, विनीत कुमार दुबे जिला कार्यक्रम प्रबंधक को सूरजपुर से गौरेल्ला – पेण्ड्रा – मरवाही किया गया है, ज्ञानेन्द्र सिंह जिला मिशन प्रबंधक को बलरामपुर किया गया,
सुनील शर्मा जिला कार्यक्रम प्रबंधक एस .एम .आई .बी को जिला दुर्गा किया गया था लेकिन इनमे से 03 अधिकारियों को जिला सूरजपुर से स्थानान्तरित स्थान के लिए भारमुक्त तो कर दिया गया है।
दिनांक 7 मार्च 2024 को विनीत कुमार दुबे का भार मुक्त किया गया , दिनांक 6 मार्च 2024 को ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह का भार मुक्त किया गया, दिनांक 6 मार्च को सत्य प्रकाश मिश्रा का भार मुक्त किया गया लेकिन चौथै स्थानांतरित अधिकारी सुनील शर्मा डीपीएम को आज तक स्थानांतरित जिला – दुर्ग हेतु भारमुक्त नही किया जा रहा है
सुनील शर्मा डीपीएम जिला पंचायत सूरजपुर को भारमुक्त नही करने मे जिला के कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है जबकि राज्य कार्यालय के जॉच मे सुनील शर्मा डीपीएम मुख्य रूप से जिला सूरजपुर मे भ्रष्टाचार फैलाने के दोषी पाये गये थे।
लेकिन अधिकारियों से सांठ-गांठ कर आज दिनांक तक जिला पंचायत सूरजपुर मे जमे हुए हैं एवं स्थानान्तरित जिला हेतु भारमुक्त न होकर जिला-सूरजपुर में भ्रष्टाचार को बढावा दे रहे हैं।