छत्तीसगढ़

अपशब्दों का प्रयोग कर मारपीट करने एवं झूठे केस मे फसा देने की धमकी देकर अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने एवं निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए घोर कदचरण प्रदर्शित करने वाले आरक्षक कों पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने किया सेवा से पृथक

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सरगुजा पुलिस द्वारा विभागीय पुलिस अधिकारियो/कर्मचारियों कों आमजनता के प्रति विनम्र व्यवहार रखकर जिले मे शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति कों बेहतर बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं, एवं पुलिस अधिकारियो/कर्मचारियों कों अपने दायित्वों के प्रति सजग होकर कार्य करने के दिशा निर्देश भी दिए गए हैं इसके साथ ही लापरवाही एवं अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध सख़्ती से कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया हैं, इसी क्रम मे पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री योगेश पटेल (भा.पु.से.)द्वारा सरगुजा पुलिस मे पदस्थ आरक्षक क्रमांक 88 समीनुल हसन फ़िरदौशी रक्षित केंद्र अम्बिकापुर जिला सरगुजा कों अनुशासनहीनता प्रदर्शित करने एवं निजी स्वार्थ सिद्धि के लिए घोर कदचरण प्रदर्शित करने पर “सेवा से प्रथक” करने का आदेश जारी किया गया हैं।

⏩ आरक्षक क्रमांक 88 समीनुल हसन फ़िरदौशी के विरूद्ध निम्न आरोप पर पत्र जारी कर विभागीय जांच की कार्यवाही की गई थी, जिसमे आरीप क्र.(01):- फरियादी सैय्यद आलम निवासी चोपड़ापारा अंबिकापुर को गाली गलौज कर मारपीट करने तथा झूठे केस में फसा देने की धमकी देकर अनुशासनहीनता प्रदर्शित कर पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 64 (2) एवं 64 (4) व सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम के उपनियम (1) के (तीन) का उल्लंघन करना एवं आरोप क्र.(02):- आवेदिका रेशमा परवीन एवं आवेदक आयुष सिन्हा को अपने निजी स्वार्थ की सिद्धि के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर धमकी देना तथा रेहान अहमद को दूरभाष पर गाली देकर धोर कदाचरण कों प्रदर्शित कर पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 64 (2) एवं 64 (4) व सिविल सेवा आवरण नियम 1965 के नियम 3 के उप नियम (1) के (तीन) का उल्लंघन करना था।

⏩ उक्त आरोप पर विभागीय जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अम्बिकापुर से सम्पन्न कराई गई। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा अपचारी आरक्षक 88 समीनुल हसन फिरदौसी र०के० अंबिकापुर के विरूद्ध लगाये गये आरोप क्रमांक 01 को पूर्णतः प्रमाणित पाये हैं तथा आरोप क० 02 को अंशतः प्रमाणित पाये हैं, पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा विभागीय जांच नस्ती, अभियोजन प्रदर्श पत्रों एवं अभियोजन साक्षियों के कथनों का बारीकी से अव्ययन पश्चात जांचकर्ता अधिकारी की जांच उपपत्ति से सहमत होकर अपचारी आरक्षक के विरूद्ध प्रमाणित आरोप के संबंध में अपचारी को अभ्यावेदन जारी कर जवाब प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। अपचारी आरक्षक द्वारा अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। अपथारी आरक्षक द्वारा प्रस्तुत जवाब का अवलोकन किया गया। जवाब संतोषप्रद नहीं पाया गया।

⏩ इस प्रकार फरियादी सैयद जालम निवासी चोपड़ापारा अम्बिकापुर एवं रेहान आलम को अपशब्दों का प्रयोग कर सिविल सेवा आधरण नियम 1965 के नियम -3 उपनियम -1 (तीन) का उल्लंघन करना पाया गया हैं, अतः अपचारी आरक्षक के विरुद्ध लगाये गये प्रमाणित आरोप की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरक्षक क्रमांक 88 समीनुल हसन फिरदौसी रक्षित केंद्र अम्बिकापुर को सेवा से पृथक किया जाता है तथा अपचारी आरक्षक का निलंबन अवधि दिनांक 06/12/23 से दिनांक 08/08/24 तक कुल 246 दिवस को निलंबन में शुमार किया जाता हैं।

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