छत्तीसगढ़

युवराज जायसवाल जोबी कॉलेज के वित्तीय साक्षरता दिवस में हुए शामिल

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वित्तीय साक्षरता के अभाव से अमीर और अमीर हो रहा है व गरीब और गरीब – युवराज जायसवाल

शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी-बर्रा में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का गुरूवार को सफल समापन हुआ। समापन दिवस पर मुख्य अतिथि युवा हस्ताक्षर श्री युवराज जायसवाल एवं विशिष्ट अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता श्री धनवंत सिंह राठिया एवं डिगम्बर सिंह राठिया मंचासीन हुए।

प्राचार्य श्री थवाईत द्वारा उनके सभी प्रशिक्षकों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त कर किया गया। कार्यशाला भारत सरकार, नई दिल्ली की डीएसटी, आईबीआईटीएफ और आईआईटी भिलाई के सौजन्य एवं पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. व जोबी महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विशेषकर फिनटैक के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सुनील कुमार कुमेटी ने निर्देशन एवं उनके दल के मार्गदर्शन में ’वित्तीय साक्षरता’ के विषय पर आधारित रही।

प्राचार्य श्री आरके थवाईत ने कार्यशाला की दिन प्रतिदिन की गतिविधियों पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। उन्होंने इस दौरान साइबर सेल, एसबीआई बैंक, कोर्ट, स्वास्थ्य विभाग व आजीविका मिशन सहित अन्य विभागों व जिलों से आए कुल एक दर्जन से अधिक दिग्गज प्रशिक्षकों ने बारी-बारी शिरकत की और विद्यार्थियों को पैसे का मोल समझाया। बताया गया कि, “पैसा पेड़ पर नहीं उगता, उसे मेहनत से कमाना पड़ता है और “बचत की गई हर पाई, भविष्य की सुरक्षा निधि है। ”साइबर क्राइम से बचें और निवेश भी वही करें, जो आप समझ सकें,” ऐसी सलाह दी गई।


तो वहीं बढ़ते क्रम में मुख्य अतिथि श्री जायसवाल ने अमीर के और अमीर एवं गरीब के और गरीब बन जाने के कारण में वित्तीय साक्षरता को लेकर क्षेत्र व स्थान विशेष में जागरूकता के अभाव को कारण बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से प्रशिक्षण में सिखाए गए वित्तीय गुणधर्मों को समस्त ग्रामवासियों तक पहुंचाने की अपील की। उनके करकमलों से विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। साथ ही विशिष्ट अतिथि क्रमशः श्री धनवंत एवं श्री डिगम्बर राठिया ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र ग्राम जोबी में सम्पन्न हुई इतनी वृहदत्तर कार्यशाला में न केवल वित्तीय प्रबंधन के बारे में जागरूक करने, बल्कि एक सुरक्षित और सफल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किए जाने पर हर्ष जताया। अंतिम दौर में, प्रशिक्षु प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।

विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा कर बताया कि उन्हें जो कुछ भी सीखने को मिला, उससे वे समझ गए है कि “सबसे पहले ठगी से सुरक्षा फिर बचत और सही समय पर किए गए उचित निवेश का निर्णय ही अहम है। अब वे वित्तीय प्रबंधन को और बेहतर तरीके से संभाल सकेंगे। इस विचार के साथ ने सहायक प्राध्यापकगणों में मंच संचालक श्री वीपी पटेल एवं कार्यक्रम समन्वयक श्री योगेन्द्र राठिया की अगुआई में विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण में अर्जित वित्तीय ज्ञान को अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया।

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