छत्तीसगढ़

रेत माफियाओ का आतंक, रोक लगाने में प्रशासन दिख रहा नाकाम

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छत्तीसगढ़ राज्य अंतर्गत सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खण्ड में जजगी ग्राम के रेण नदी से रेत भरकर सड़कों पर लगातार दौड़ रहे हैं। प्रतिदिन रेत से भरे ट्रैक्टर और टीपर वाहनों की संख्या करीब 50 होगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेत माफिया किस तरह से प्रशासन की नाक के नीचे से रेत का अवैध उत्खनन परिवहन कर शासन को साल भर में लाखों रूपये का चुना लगा रहे हैं।

 पूरी तरह से रोक लगाने में प्रशासन दिख रहा नाकाम
उदयपुर विकास खण्ड में जजगी ग्राम के रेण नदी से रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। वहीं अगर सूत्रों की माने तो इन रेत माफियाओं को अवैध कारोबार चलाने के लिए बड़े राजनेताओं का संरक्षण मिल रहा है, जिनकी आड़ लेकर रेत माफिया अपना रेत का अवैध कारोबार चला रहे हैं। टीपर चालक से बात करने पर एक ट्रीप में दो सौ रूपये का खर्च बताया गया है।

उदयपुर विकास खण्ड में रेण नदी जजगी, कंवलगिरी, देवटिकरा, मोहनपुर, कुमडेवा, केदमा एवं अन्य जगहों को मिलाकर लगभग आधा दर्जन से अधिक रेत के घाट है जहां से रेत माफिया और स्थानीय लोग सक्रिय होकर धड़ल्ले से रेत का अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं। मौखिक और सोशल मीडिया के माध्यम से इन सब की सूचना प्रशासन को होने पर यदाकदा एक दो गाड़ियों पर कार्यवाही होती है लेकिन अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगाने में प्रशासन नाकाम दिख रहा है, क्योंकि इन घाटों पर सरकारी नियंत्रण नहीं है। स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों द्वारा बाहर के गाड़ियों से प्रति ट्रीप के हिसाब से वसूली की बात भी वाहन चालकों द्वारा बताई गई है।

इस बारे में बात करने पर खनिज अधिकारी त्रिवेणी देवांगन ने बताया की कल टीम भेजूंगी

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