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सुश्री ए. मंदाकिनी स्वैन ने साजना मोरा घर आवै….से मोहा अब का मन

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शास्त्रीय गायन की सुप्रसिद्ध कलाकर दिल्ली की सुश्री ए.मंदाकिनी स्वैन ने दूसरे दिन चक्रधर समारोह में राग जोश शैली से साजना मोरा घर आवै गाकर सब का मन मोहा. इसके साथ ही उन्होंने श्याम कल्याण की भी प्रस्तुति दी.

संगीत-परिवार में जन्मी मंदाकिनी स्वैन जी को संगीत की दीक्षा,पिता एवं गुरु पंडित के.महेश्वर राव से,पश्चात विदुषी वीणा सहस्त्रबुद्धे तथा पंडित जेवीएस जैसे गुरुओं से गायन की बारीकियां सीखने का सौभाग्य मिला। वे न केवल हिंदी बल्कि संस्कृत और उड़िया भाषा के अपने भक्ति गीतों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। संगीत नाटक अकादमी और भारत भवन जैसी अन्य संस्थाओं में भी वह अपनी गायन का जादू बिखेर चुकीं है। मंदाकिनी जी के सुर, सात समंदर पार सिंगापुर,मलेशिया,ऑस्ट्रिया,कोलंबो, मस्कट और यू.एस.ए. सहित अनेक देशों में सुधी श्रोताओं को मुग्ध कर चुके हैं। भारतीय संगीत जगत में उनके सांगीतिक योगदान के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया है।

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